कवर्धा, 16 जुलाई 2024। तीन नए आपराधिक कानूनों पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन रविवार को कलेक्टोरेट कार्यालय के सभागार में किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यभामा अजय दुबे के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यशाला की शुरूआत में विधिक सेवा प्राधिकरण कवर्धा के सचिव राहुल कुमार ने तीन नए कानून में हुए बदलाव पर प्रकाश डाला। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यभामा अजय दुबे ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्बोधन में कहा कि नए कानूनों का लक्ष्य पीड़ितों को समयबद्ध न्याय दिलाना है जिसमें मानवीय सामाजिक सरोकारों को भी लक्ष्य कर जोड़ा गया है। प्रशिक्षण कार्यशाला में अधिवक्ता संघ कवर्धा एवं पंडरिया के अधिवक्तागण, लोक अभियोजक एवं अतिरिक्त लोक अभियोजकगण शामिल हुए।
छत्तीसगढ़ राज्य ज्यूडिशियल एकेडमी बिलासपुर के निर्देशानुसार अधिवक्ताओं, लोक अभियोजन अधिकारियों एवं शासकीय अभिभाषकों के लिए तीन नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। दो सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला के पहले सत्र में पल्लव रघुवंशी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, के बारे में बताते हुए नए कानून में डिजिटल साक्ष्य की ग्राह्यता के संबंध में प्रकाश डाला गया कि डिजिटल और इलेक्ट्रानिक अभिलेख भी साक्ष्य में अन्य अभिलेखों की तरह ग्राह्य होंगे तथा ग्राह्यता की प्रक्रिया भी बतायी गई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्वेता श्रीवास्तव द्वारा नए भारतीय न्याय संहिता 2023 की विस्तार से जानकारी दी गई। उनके द्वारा भारतीय न्याय संहिता में जोड़े गये नए अपराध जैसे संगठित अपराध एवं आतंकवादी कृत्य से संबंधित अपराध के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला के द्वितीय सत्र में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीनिवास तिवारी द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।