कवर्धा। प्रदेश के गृहमंत्री के गृह जिला अंतर्गत ग्राम बिरकोना निवासी कोमल साहू की संदिग्द्ध मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है। जबकि प्रदेश के गृहमंत्री ने पीडि़त परिवार के साथ साहू समाज के प्रतिनिधि मण्डल की मांग पर मामले की जांच के लिए बकायदा एसआईटी गठित कर सात दिनो के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था।
लेकिन एसआईटी गठित होने के हप्तों बाद भी न तो रिपोर्ट का पता है और न ही पीडि़त परिवार को न्याय मिलता दिखाई दे रहा है। उक्त बातें पूर्व मण्डी उपाध्यक्ष चोवाराम साहू ने जारी बयान में कही। उन्होने कहा कि बिरकोना निवासी कोमल साहू की संदिग्द्ध मौत के मामले में पुलिस प्रशासन के साथ शासन-प्रशासन का रवैया शुरू से न्यायसंगत नहीं रहा है। जिसे देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पुलिस इस मामले में संलिप्त किसी को बचाने का प्रयास कर रही है। संभवत: यही वजह है कि घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने इस संदिग्द्ध मौत के मामले को आत्महत्या करार देने में कोई देर नहीं की थी। इसके अलावा मामले में जमकर लीपापोती भी की गई थी। जिसके संबंध में स्वयं सत्तारूढ़ दल भाजपा की क्षेत्रीय विधायक भावना बोहरा ने विधानसभा में सवाल उठाए थे। पूर्व मण्डी उपाध्यक्ष चोवाराम साहू ने कहा कि ये तो जिले के विशाल और एकजुट साहू समाज के दबाव का नतीजा था कि प्रदेश के गृह मंत्री को मजबूरन मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करना पड़ा और एक हप्ते में जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश संबंधित जांच अधिकारियों को देना पड़ा। लेकिन ऐसा लगता है कि गृह मंत्री एसआईटी गठित करने के बाद भूल गए है कि उन्होने एक हप्ते के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए थे। साहू ने मांग की है बिरकोना के कोमल साहू की संदिग्द्ध मौत के बहुचर्चित मामले की जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच पूर्ण कराई जाए और दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही कर पीडि़त परिवार और मृतक को न्याय दिलाया जाए।