कवर्धा। कृषि विभाग में आचार संहिता के ठीक पहले सहायक संचालकों का पदोन्नत हुआ था। जिसमें एक नाम जिले के तत्कालीन प्रभारी उप संचालक राकेश शर्मा का नाम भी शामिल था। चूंकि अचार संहिता लागू होने के बाद राकेश शर्मा को रिलीफ़ नहीं किया गया था वहीं नव पदस्थ उपसंचालक अमित कुमार ने पदभार ग्रहण किया। जिसके बाद से विभाग में दो दो उपसंचालक कार्य कर रहे है और अब जब आचार संहिता खत्म हो गया है तो राकेश शर्मा को भारमुक्त करने के बाद भी यहां से जाने का नाम नहीं ले रहे।
बता दें कि ये वही राकेश शर्मा है जिन पर किटनाशक खरीदी के नाम पर 80 लाख रुपए गबन करने की शिकायत हुई और यह पूरा मामला विधानसभा में भी गूंजा। सेंटिंग इतनी तगड़ी है कि गबन वाले मामले पर एफआईआर होने के बजाय पदोन्नत का ईनाम मिला। लेकिन पदोन्नत के बाद भी उन्होंने अभी तक ज्वाइनिंग नहीं ली है जबकि आचार संहिता लगते ही शासन के निर्देश पर राकेश शर्मा को भारमुक्त कर दिया गया है।
भ्रष्ट अधिकारी के ऊपर कोई कार्यवाही नही हुई
नियमानुसार अमित कुमार महंती उप संचालक कृषि कबीरधाम के द्वारा अचार संहिता के बाद सहायक संचालक कृषि राकेश शर्मा जो सहसपुर लोहारा के लगभग 6000 किसानो को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना अंतर्गत बिना आदान सामग्री बांटे लगभग 80 लाख का चुना शासन को लगाते हुए अपने जेब में भर लिया है। इतना बड़ा भ्रष्टाचार होने और साथ ही आरोप सिद्ध होने के बाद विधानसभा में सवाल का जवाब देने के बाद भी अभी तक ये भ्रष्ट अधिकारी के ऊपर कोई कार्यवाही नही हुई है।
इससे सवाल उठ रहा है कि क्या डिप्टी सीएम द्वारा स्वजातीय अधिकारी का संरक्षण दिया जा रहा है या फिर उनके कार्यकर्ताओं का राकेश शर्मा पर कृपा बरस रही है यही वजह है कि ऐसे अधिकारी पर कार्रवाई के बजाय संरक्षण दिया जा रहा है। जबकि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने तीसरी बार प्रधानमंत्री चुना गया है तो वहीं प्रदेश में भी भाजपा की सरकार और जिले में डिप्टी सीएम पर लोगों को भरोसा और विश्वास है। अब देखना होगा कि भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी का संरक्षण किया जाता है या फिर कठोर कार्रवाई की जाएगी।