कवर्धा में निवासरत बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति राष्ट्रपति दत्तक पुत्र जिला कवर्धा के ब्लॉक बोडला ग्राम सोनवाही झलमला- 05 सदस्य , ग्राम सड़ेडा एवं ब्लॉक लोहारा साहसपुर के ग्राम फड़की पारा , ग्राम बहना, खोदरा सहित पड़ोसी गांवों में बैगा जनजातियों का उल्टी – दस्त से मृत्यु हो गया है, कुछ परिवार मलेरिया से पीड़ित हैं। यह बहुत ही चिंताजनक है, अनभिज्ञता के कारण फूड पॉइजनिंग , मलेरिया एवं अन्य इंफेक्शन का शिकार हो रहे हैं, बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के लिए प्रत्येक वर्ष जन-जागरूकता, स्वास्थ्य शिविर, स्वास्थ्य परीक्षण , विकास के लिए विभिन्न प्रकार के योजनाऐं जिला प्रशासन द्वारा संचालित कराए जाते हैं, इसके लिए अलग से राशि स्वीकृत होता है।
इसके बावजूद ब्लॉक के अलग-अलग गांव में 7 से 12 बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों का अकाल मृत्यु होने पर बैगा विलुप्त विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों का अस्तित्व ख़तरे में है।
जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के लंबे समय से चल आ रहें लापरवाही से अनभिज्ञ बैगा जनजाति परिवारों का मृत्यु हो रहा है, बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति विकास अभिकरण संचालित किया गया है जिसमें प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए राशि स्वीकृत होता है यह राशि बंदर बांट कर दिया जाता है और कागजों में अनेक प्रकार के योजनाओं के नाम पर संचालित किया जाता है, यह विकास केवल कागजों में ही सिमट कर रह जाता है , इस लिए 25- 30 वर्षों से निरंतर विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के विशेष करोड़ों का बजट खर्च करने के बाद भी छत्तीसगढ़ के विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों का स्थिति ज्यों का त्यों है।
अगर जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग द्वारा बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए सभी योजनाएं सही से संचालित की गई होती तो इस प्रकार की घटनाएं नहीं होती। इस प्रकार की घटनाएं अन्य ब्लॉक में निवासरत बैगा जनजाति परिवारों में न हो इसके लिए जिला प्रशासन को बैगा जनजाति निवासरत क्षेत्रों में नज़र रखना होगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी क्षेत्रों में स्वास्थ्य परीक्षण , स्वास्थ्य शिविर, डोर टू डोर स्वास्थ्य परीक्षण, जन-जागरूकता शिविर आयोजित नियमित रूप से करा कर अस्वस्थ, कुपोषित, शरीर में खून कम वाले , मलेरिया से पीड़ित बैगा जनजाति परिवारों को अस्पतालों में भर्ती करा कर उचित इलाज कराने का पहल किया जाए।
संगठन का निम्न मांग हैं :-
1. मलेरिया से बचाव हेतु मच्छर दानी सभी परिवारों के सदस्यों को वितरण किया जाए।
2. स्वच्छ पानी व्यवस्था, वाटर ट्रीटमेंट कराने, कुंओ का क्लोरिनेशन आवश्यकता अनुसार नियमित रूप से कराया जाए।
3. बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के निवासरत जिले के ब्लॉको (बोडला, पंडरिया, लोहारा) के सभी गांवों में “डोर टू डोर” स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए।
4. बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति सभी निवासरत ब्लॉको (बोडला, पंडरिया, लोहारा) के सभी गांवों में नियमित स्वास्थ्य शिविर कराया जाए।
5. कवर्धा जिले के सभी ब्लॉकों (बोडला, पंडरिया, लोहारा) के सभी गांवो में निवासरत बैगा जनजाति परिवारों के बीच जन-जागरूकता शिविर आयोजित कराया जाए।
6. बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति मरीजों को अस्पताल लाने के लिए 108 एंबुलेंस के अलावा अलग एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराया जाए, ताकि अस्पताल ले जाने में बिलंब न हो।
7. बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के पास प्रायः आयुष्मान कार्ड नहीं होते हैं, बिना आयुष्मान कार्ड के निशुल्क सभी प्रकार के जांच, इलाज कराया जाए। सभी परिवारों को आयुष्मान कार्ड बनवाया जाए।
8. बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति मरीजों के शरीर में खून कम होने के स्थिति में सरकारी ब्लड बैंक से ब्लड चढ़ाने का व्यवस्था किया जाए, बैगा जनजाति मरीजों के परिजन कुपोषित रहते हैं रक्तदान योग्य नहीं रहते हैं इस लिए इनके हित में पहल अति आवश्यक है।
9. सरकारी अस्पतालों में केवल भर्ती मरीजों को सुबह नाश्ता, दोपहर -शाम के लिए भोजन का प्रावधान है परिजनों को भोजन नहीं दिया जाता है, बैगा जनजाति मरीजों के साथ देख-रेख करने वाले सभी परिजनों को सुबह नाश्ता, दोपहर -शाम के लिए भोजन निशुल्क रूप से दिया जाए। ताकि बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार अपने मरीजों को अच्छा से इलाज करा सकें।
10. जिला अस्पताल कवर्धा से रायपुर रिफर मरीजों के देखरेख के लिए स्वास्थ्य कर्मी भेजा जाए जिससे कि अनभिज्ञ परिवारों को जांच एवं इलाज कराने में सहयोग मिल सकें।
11. सरकारी अस्पतालों से बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति मरीजों का इलाज के बाद छुट्टी होने पर घर तक सरकारी वाहनों से घर तक भेजवाया जाए। जिससे कि बैगा जनजाति परिवारों में समय के साथ इलाज कराने में प्रोत्साहन मिले।
12. अस्पताल से छुट्टी हुवे बैगा जनजाति मरीजों के घर गांव में स्थानीय स्वास्थ्य विभाग कर्मचारियों द्वारा देख-रेख कर नियमित फ्लोअप कराया जाए, जिससे कि उनके स्वास्थ्य के संबंध में वास्तविक जानकारी पता चल सके।
13. बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार के बच्चों के शिक्षा के लिए एकलव्य आवासीय विद्यालयों, छात्रवास/ कन्या छात्रावास, आश्रमों में रहने के लिए सबसे ज्यादा प्राथमिकता दिया जाए जिससे कि बैगा जनजाति के बच्चे शिक्षित हों कर अपने दिनचर्या में सुधार ला सके।
14. सभी अकाल मौत (डायरिया, मलेरिया) से बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति मृत पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा राशि दिया जाए।
15. प्रधानमंत्री जनमत योजना को लेकर सर्वे किया गया है इस योजना का अतिशीघ्र क्रियान्वयन करते हुए बिना आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड, राशनकार्ड, प्रधानमंत्री आवास , पेयजल की व्यवस्था, जड़क की सुविधा जैसे मूलभूत सुविधाएं अबिंलंब मुहैया कराया जाए।
16. बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों द्वारा पूर्वजों से काबिज कास्त इनके द्वारा सम्पूर्ण कब्जा किए गए भूमि का पट्टा प्रदान किया जाए। देखा जाता है कि इन परिवारों को नाम मात्र के लिए वन अधिकार पत्र के अंतर्गत कुछ ही काबिज़ भूमि का पट्टा दिया गया है बाकी भूमि पट्टा में शामिल नहीं किया गया है।
17. कवर्धा जिला गैर अनुसूचित क्षेत्र में आता है इस लिए इस जिले में निवासरत बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों को अन्य पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के जैसे सरकारी लाभ स्थानीय सरकारी नौकरियों अनुसूचित जनजाति के कुल आरक्षण में से 20 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिल पाता है। जिससे बैगा जनजाति और पिछड़े हुए हैं। यहां के विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों को पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों जैसे ही सभी सरकारी योजनाओं में लाभ दिलाया जाए। ताकि जीवन स्तर में सुधार हो सके। गैर अनुसूचित क्षेत्र एवं पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत सभी विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों का सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक विकास एक ही स्थिति में है। इस लिए गैर अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों को सरकारी नौकरी एवं अन्य सुविधाओं में विशेष छूट दी जाए।
18. बैगा विकास अभिकरण का अध्यक्ष अनभिज्ञ बैगा समाज के लोगों को मनमानी तरीके से अधिकारीयों द्वारा एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा बना दिया जाता है जिससे विकास अभिकरण का राशि ग़लत जगहों पर खर्च किए जाते हैं संगठन का मांग है कि विकास अभिकरण का अध्यक्ष का चुनाव बैगा जनजाति समाज द्वारा सर्व सम्मति से प्रस्ताव किए गए व्यक्ति को विकास अभिकरण का अध्यक्ष बनाया जाए। ताकि विकास अभिकरण में भ्रष्टाचार न हो मनमानी न कर सके। जिससे कि विकास अभिकरण का राशि शत् प्रतिशत बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के हित में खर्च हो सके। तभी बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों में अनभिज्ञता, कुपोषण,शरीर में खून कमी, अशिक्षा, गरीबी जैसे जटिल समस्याएं दूर हो सकेगी।
कवर्धा जिले के ब्लॉक बोडला, ब्लॉक पंडरिया, ब्लॉक लोहारा में निवासरत बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के हित में उपरोक्त मांग पूरा कर विलुप्त हो रहे बैगा जनजाति परिवारों को संरक्षित करने का ठोस कदम उठाया जाए।