भोरमदेव कारखाना द्वारा किसानों का उपज बढ़ाने गांव गांव जाकर किसानों से संपर्क किया जा रहा है जहां किसानों को ट्रेंच विधि से गन्ना बुवाई तथा खुटी गन्ने का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को खेत मे नये नये खाद डालने तथा युरिया डीएपी के साथ गन्ना की मोटाई व लम्बाई के लिए किसानों के साथ मीटिंग करके खाद डालने की विधि बताया जा रहा है।
बता दें कि भोरमदेव कारखाना पुरे छत्तीसगढ़ प्रदेश मे गन्ना पेराई के मामले हर वर्ष प्रथम स्थान पर रहता है जहां किसानों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं भी दिया जाता है। वहीं लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना सीजन 2024-25 मे पेराई के मामले मे नही के समान रहा है। इस सीजन इतना कम गन्ना मिलने का कारण किसानों का उपज कम आना बताया जा रहा है। लेकिन पेराई कम हुआ है इसके बावजूद पंडरिया कारखाना के मैनेजमेंट द्वारा किसानों के उत्पादन बढ़ाने गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए ना तो किसानों से अभी तक एक बार भी मीटिंग नही किया गया है और ना हि किसानो के साथ कोई मीटिंग भी नही किया जा रहा है।युपी बिहार के लोगों को केस्टेक वालो को जिस कारखाना मे 12 महीना रेगुलर काम पर रखा जा रहा है और स्थानीय छत्तीसगढ़िया लोगों को जो वहां मेहनत कर रहें हैं उन लोगों के वेतन मे कटौती किया जाता है, और पेड आफ किया जाता है तो वह कारखाना नुकसान मे नही तो क्या फायदा मे रहेगा,कोई भी नेता या एमडी इस कारखाना की स्थिति को नही सुधार सकता। पंडरिया कारखाना किसानों के गन्ना डेवलपमेंट के नाम पर अभी तक शुन्य दिखता हुआ।
पंडरिया कारखाना और भोरमदेव कारखाना के बीच एथेनाल कंपनी के द्वारा गन्ना उपज बढ़ाने ट्रेनिंग कार्यक्रम रखा गया था जहां पर सिर्फ भोरमदेव कारखाना के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दिया गया वहीं पंडरिया कारखाना के कर्मचारियों को ट्रेनिंग से दुर रखकर काम बंद करा दिया गया है वहीं भोरमदेव कारखाना मे किसान के उपज बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्य शुरू हो गया है जहां गांव गांव जाकर किसानों से संपर्क कर मीटिंग किया जा रहा है। लेकिन पंडरिया कारखाना मे अभी तक ना तो किसान से संपर्क किया गया और ना हि ट्रेनिंग दिया गया।
आखिर कब खत्म होगा पंडरिया कारखाना से भ्रष्टाचार खत्म पुछता है पंडरिया किसान व कारखाना श्रमिक मजदूर?