कवर्धा। शहर के प्रतिष्ठित अशोका पब्लिक स्कूल में गणतंत्र दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया l शिक्षक कॉलोनी एवं रायपुर रोड स्थित दोनों स्कूल में ध्वजारोहण हर्सोल्लास के साथ किया गया l ध्वजारोहण के पश्चात् राष्ट्रगान के साथ भारत माता एवं छत्तीसगढ़ महतारी की जयघोष, वंदे मातरम के नारे के गूंज के साथ भव्य कार्यक्रम सम्पन्न हुआl इस अवसर पर भारतमाता के उन सभी सपूतों को नमन किया गया जिनके प्रयासों से हमे आजादी मिली एवं हमे संविधान मिलाl उन वीर जवानो को नमन किया जिनके कारण हम सुरक्षित हैं, उन सभी लोगों को भी नमन किया जिनके कारण हमारा देश निरंतर प्रगतिपथ पर अग्रसर हैl
इसके पश्चात् स्कूल के छात्र/छात्राओ के द्वारा बहुत ही मनमोहक एवं आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम, गीत, भाषण प्रस्तुत किया गया एवं प्री प्राइमरी के बच्चों के द्वारा फैंसी ड्रेस का प्रदर्शन किया गया जिसमें नन्हे मुन्ने बच्चे भारत माता, छत्तीसगढ़ महतारी, सैनिक, गांधी जी, नेता जी, भगत सिंह एवं अन्य-अन्य रूप में उपस्थित हुए। डायरेक्टर पवन देवांगन द्वारा बच्चों व शिक्षक गणों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में भारत अर्थव्यवस्था की दृष्टि से तीसरे स्थान पर है और बहुत जल्द प्रथम स्थान पर पहुंचेंगे। जब भारत गुलामी की जंजीरो से बंधा हुआ था तब देश के लिए बलिदान की जरूरत थी, किन्तु आज भारत के लिए जीने की जरूरत है, और जब हम अपना कार्य पूरी सच्ची श्रद्धा व ईमानदारी से करते है तब ही हम सच्चे राष्ट्र/देश भक्त हैं। राष्ट्रीय विचारो को साझा करने के साथ साथ उन्होंने बीएकलव्य संस्था, उत्तराखंड द्वारा बच्चों एवं शिक्षको दिए जा रहे पढ़ने पढ़ाने की एक अद्भुत मेथड के बारे में बताया जिसमें याद करने और रिवीजन करने की जरुरत ही नहीं पड़ती। बीएकलव्य के प्रशिक्षक रिषभ भटनागर एवं सत्येन्द्र सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि गणतंत्र माने लोगों के लिए बनाया गया एक ऐसा तंत्र जहां सब बराबर हो, समान हों, सबका अधिकार हो, सबका कर्तव्य हो, सही मायने में गणतंत्र तभी है जब इस तंत्र को ईमानदारी से लोगों के द्वारा, लोगों से, लोगों के लिए बनाए रखा जाए, लेकिन विडंबना ये है की ये तंत्र आज के दौर में कुछ ही लोगों तक सीमित रह गया है और इसकी मुख्य वजह है हमारे देश की शिक्षा पद्धति जिसकी नींव ही चुनिंदा बच्चों पर आधारित होती है। स्कूलों में चल रही शिक्षा पद्धति में कुछ ही बच्चे आगे रहते हैं, कुछ को ही मौका मिलता है बाकी सब पिछड़ के रह जाते हैं । हम भारत को विश्व गुरु बनाने की बात करते हैं पर जब तक हम इस शिक्षा पद्धति में बदलाव नहीं लाएंगे तब तक हम विश्व गुरु नहीं बन सकते सही मायनों में भारत इस दिन विश्वगुरु कहलाएगा जिस दिन से स्कूलों में हर बच्चे को मौका मिले एक ऐसा तंत्र अपनाया जाए जिसमें हर काम बच्चों से बच्चों के द्वारा बच्चों के लिए हो, एक ऐसा तंत्र जहां सिर्फ सीखने का दृष्टिकोण न हो बल्कि सिखाने का भी हो, जहां सब बच्चे सीखने और सिखाने आएं, जहां सब एक दूसरे का सहयोग करें, जहां सब क्रिएटिव हों, जहां सब एक दूसरे के लिए हों । जिस दिन से हम ऐसे तंत्र को अपनाएंगे उस दिन से सही मायनों में समाज में परिवर्तन आना शुरू हो जाएगा उस दिन से हम विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर होंगे ।
डायरेक्टर सारिका देवांगन ने संविधान के पालन करने के सम्बन्ध में बताया l पी जी कालेज परेड ग्राउंड गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में भी अशोका के बच्चो के द्वारा आत्म रक्षा जैसे समाज के महत्वपूर्ण विषय को थीम बनाकर कराटे कार्यक्रम के माध्यम से जागरूक किया गया साथ ही 200 बच्चों के द्वारा एरोबिक्स का कार्यक्रम दिया जिसे शहर लोगो द्वारा काफी सराहा गया । इस कार्यक्रम में पुराने अशोका स्कूल की प्रिंसिपल अलका चन्द्रवंशी, नये स्कूल के प्रिंसिपल अनुराग मिश्रा, वाईस प्रिंसिपल लोकनाथ देवांगन, प्रबंधक सागर नामदेव, डांस टीचर गजानंद मानिकपुरी, म्यूजिक टीचर दीपक पन्ना, स्पोर्ट्स टीचर मनीष निषाद, राजा जोशी एवं मीरा सहित स्कूल के समस्त टीचिंग, नॉन टीचिंग स्टाफ़ उपस्थित होकर गणतंत्र दिवस के इस महान कार्यक्रम को सफल बनाया।