काठमांडू। राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों में लैंगिक समावेशीकरण को मुख्यधारा में लाने के लिए काठमांडू में आयोजित हुए तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन गुरुवार 5 सितंबर को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नेपाल और एशिया प्रशांत मंच (एपीएफ) के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा किया गया था।
सम्मेलन में प्रधानमंत्री ओली ने इस बात पर जोर दिया था कि संविधान में निहित मौलिक अधिकारों को बनाए रखने और मानवाधिकारों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का सम्मान करके ’समृद्ध नेपाल, खुशहाल नेपाली’ की राष्ट्रीय आकांक्षा को साकार किया जा सकता है। तीन सितंबर 2024 को शुरू हुए इस सम्मेलन के दौरान सात अलग–अलग सत्रों में विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।
इसके अलावा, विशेषज्ञों द्वारा तीन वैचारिक पत्र प्रस्तुत किए गए थे। सम्मेलन में लैंगिक समावेशीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जारी 9 बिंदुओं पर घोषणापत्र जारी किये गए हैं। सम्मेलन मे ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, इराक, जॉर्डन, मलेशिया, मालदीव, मंगोलिया, नेपाल, ओमान, पाकिस्तान, फिलिस्तीन, फिलीपींस, कतर, समोआ, थाईलैंड, तिमोर लेस्ते के राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के प्रमुख और प्रतिनिधि शामिल थे। इस सम्मेलन में नेपाली नागरिक समाज, सरकारी एजेंसियां, मानवाधिकार कार्यकर्ता, मीडिया कार्यकर्ता सहित 400 लोग उपस्थित हुए थे।
गुरुवार को लैंगिक समावेशीकरण पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए नेपाल के उप प्रधानमंत्री प्रकाश मान सिंह कहा कि लैंगिक समानता के लिए सभी को अपने व्यवहार में बदलाव लाना चाहिए। तभी हम सही मायने में इसे अमल में ला पाएंगे।
सम्मेलन के बाद मिडिया से बात करते विशिष्ट व्यक्ति की सम्मेलन के प्रति दिया गया बयान
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भारत के कार्यकारी अध्यक्ष विजया भारती सयानी ने कहा कि एशिया–प्रशांत और दक्षिण एशियाई क्षेत्रों के लिए एनएचआरआई के बीच नियमित बैठकें, संयुक्त प्रशिक्षण और सहयोगी परियोजनाएं लैंगिक समानता को आगे बढ़ा सकती है। यह सम्मेलन एनएचआरआई के बीच संवाद को बढ़ावा देने, नवीन विचारों को साझा करने और नेटवर्क को मजबूत करने, वैश्विक स्तर पर लैंगिक असमानताओंको संबोधित करने में चल रही प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
इस सम्मेलन से मानवाधिकार संगठनों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करने, अच्छी प्रथाओं को साझा करने और राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के भीतर और बाहर लैंगिक मुख्यधारा और समावेशन को बढ़ावा देने के लिए कार्रवाई की वकालत करने के लिए रणनीतियों के विकास का मार्गदर्शन करेगा।
नेपाल के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा आयोजित सम्मेलन में आयोग के अध्यक्ष तप बहादुर मगर ने बताया कि विश्व में व्यापक लैङ्गिक असमानता को कम करने के उद्देश्य से इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नेपाल आयोग की सदस्य डा. लीली थापा ने कहा कि यह सम्मेलन वैश्विक स्तर पर लैंगिक समानता और मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए अंतर्दृष्टि साझा करने और साझेदारी को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह
सम्मेलन अधिक समावेशी और न्याय संगत प्रणाली बनाने पर सहयोग करने के लिए विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और अधिवक्ताओं को एक साथ लाता है।
सम्मेलन में सहभागी बनी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पाकिस्तान के सदस्य फारखंड औरंगजेब ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अधिक समावेशी और समान मानवाधिकार संरक्षण पूर्ति के लिए एक रूपरेखा तैयार करने में मदद मिलेगी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नेपाल के सचिव मुरारी खरैल ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में एनएचआरआई में लैंगिक समावेशन पर इस सम्मेलन ने आंतरिक और बाह्य रूप से लैंगिक मुख्यधारा पर काम करने के लिए एनएचआरआई के बीच सहयोग बढ़ाया है ।
एशिया प्रशांत मंच क्षमता विकास के प्रबंधक फसोहा ऐशथ ने कहा कि एनएचआरआई के प्रभावी कामकाज के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी व्यक्तियों के अधिकारों का सम्मान के लिए लैंगिक समावेशीकरण आवश्यक है।
ऑस्ट्रेलियाई मानवाधिकार आयोग के एरिका पॉवेल ने कहा कि मुझे इस तरह के ऐतिहासिक आयोजन के लिए ऑस्ट्रेलियाई मानवाधिकार आयोग का प्रतिनिधित्व करने और काठमांडू घोषणा के प्रारूपण का गवाह बनकर बहुत खुशी हो रही है। एनएचआरसी नेपाल के नबराज सापकोटा ने कहा कि सम्मेलन एशिया प्रशांत क्षेत्र के एनएचआरआई के भीतर लैंगिक समानता के सामान्य मुद्दों पर सहयोग करने पर समझौता करने में सफल रहा।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नेपाल ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक की भुमिका निर्वहन कर रहे कुमार अभिनव ने कहा कि यह सम्मेलन एनएचआरआई के भीतर लैंगिक समावेशन से संबंधित प्रमुख मुद्दों और रणनीतियों पर चर्चा करने और उन्हें संबोधित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
समापन समारोह में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नेपाल तथा इस सम्मेलन के आयाेजन समिति के सदस्य डा.टीकाराम पोखरेल, सुबोध पोखरेल, इंद्रजीत साहनी, दुर्गा पोखरेल ने भी अपना मंतव्य रखा।