एक ओर जहां छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री एंव कवर्धा विधायक अपने हर भाषणों में भारतीय मान बिंदु सनातन सभ्यता की बात कहते हैं वही उनके तथाकथित समर्थक अब अब सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन का विरोध कर रहे
आपको बता दे कि कवर्धा मे सर्वजनिक गरबा महोत्सव कि शुरुवात जब हुई थी उस समय उसके फाउंडर मेंबर या प्रमुख मार्ग दर्शक स्वम विजय शर्मा रहे है
वही उनके गृह जिले कवर्धा मे उनके तथाकथित समर्थक गरबा जैसे धार्मिक एवं पारंपरिक आयोजन का विरोध कर रहे हैं
ऐसे में सवाल यह उठता है की जिस सत्ता धारी पार्टी के बड़े नेता और देश के यशस्वी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जिस प्रदेश से आते है उनकी संस्कृति जिसे पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है उसका विरोध कवर्धा मे किसके इसारे से और क्यों किया जा रहा
बी जे पी के समर्थित कुछ तथाकथित लोग छत्तीसगढ़िया वाद के नाम पर भ्रामक जानकारी फैला कर भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का विरोध करने लगे है
रही बात कवर्धा मे गरबा के आयोजन की तो पिछले कई सालों से आयोजन संपूर्ण पारिवारिक और धार्मिक माहौल मे होते रहे है जिसमे अतिथि के तौर पर शहर के नेता,अधिकारी एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि सहित पत्रकार भी उपस्थित होते रहे हैं
फिर भी इस बार ऐसा क्या हो गया कि आप गरबा जैसे धार्मिक आयोजन का विरोध कर रहे
क्या कवर्धा जिले का माहौल इतना खराब हो गया कि अब धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन भी नही होगा
कुछ तथाकथित समर्थक इतने पावर फुल हो गए कि उनसे पूछ कर अब कवर्धा मे सबकुछ होगा, शासन प्रशासन चंद मंद बुद्दि वाले तथाकथित समर्थक चला रहे जिन्हे न समाज का न उनके नेता का अच्छा बुरा का ज्ञान नही
धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन इसलिए कराए जाते हैं ताकि क्षेत्र में लोगों के बीच में एकता बनी रहे उत्साह का माहौल बना रहे लेकिन एक और जहां कवर्धा में आए दिन बड़ी-बड़ी घटनाएं हो रही है, कवर्धा जो अपने धर्म नगरी और शांति प्रिय शहर के नाम से जाना जाता था अब ऐसी अप्रिय घटनाओं से कवर्धा कि छवि खराब हो रही है
वही ऐसे उत्साह और उमंग से भरे त्योहारों के बड़े धार्मिक एवं संस्कृतिक आयोजन को बंद करने की बात कहना समझ से परे है।