कवर्धा/ग्राम पौनी विकासखंड पंडरिया में छत्तीसगढ़ एग्रिकान समिति द्वारा ग्राम पौनी में कवीर किसानों के लिए एक दिवसीय बीज उत्पादन तकनीक प्रशिक्षण एवं फील्ड विजिट का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) वाराणसी से आए वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक दिलीप राउत और सम्पत नायक ने किसानों के साथ कवीर किसान बसंत साहू के खेत में लगे “वैरायटियल कैफेटेरिया” का दौरा किया, जहां अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) द्वारा विकसित धान की 20 उन्नत किस्मों के ट्रायल प्लॉट लगाए गए है। यहां प्रत्येक किस्म को 5×5 मीटर के 60 प्लॉट में तीन बार दोहराकर लगाया गया था। वैज्ञानिकों और किसानों ने मिलकर धान की विभिन्न किस्मों का निरीक्षण किया, जिनमें पौधों की ऊंचाई, कल्ले की संख्या, बाली की लंबाई, बीजों की संख्या, कीट एवं रोग प्रतिरोधकता, सूखा एवं बाढ़ सहनशीलता, और संभावित उत्पादन का आकलन किया गया। इस प्रकार के निरीक्षण से किसानों को यह निर्णय लेने में सहायता मिलेगी कि उनके क्षेत्र में कौन सी धान की किस्में अधिक उपयुक्त रहेंगी।
इसके बाद वैज्ञानिकों ने किसानों को बीज उत्पादन की वैज्ञानिक विधियों पर विशेष जानकारी दी उन्होंने बीज की पहचान, गुणवत्ता और प्रबंधन के विषय में विस्तृत रूप से चर्चा की, जिससे किसान बीज की गुणवत्ता परखने, उसे सुरक्षित रखने, और फसल की संपूर्ण देखरेख की आधुनिक तकनीकों को समझ सकें।
प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिकों ने किसानों को विभिन्न प्रकार के बीजों की पहचान करने, उनके टैग को पढ़ने और सही समय पर बीज की बुआई से कटाई तक का प्रबंधन कैसे किया जाए, इस पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
किसानों का अनुभव और सहभागिता:
प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित किसानों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि पुराने समय में किस प्रकार बीजों का संरक्षण किया जाता था। कार्यक्रम में पारंपरिक और आधुनिक बीज उत्पादन विधियों पर विचार-विमर्श हुआ, जिससे किसानों को नई तकनीकों को अपनाने में आसानी होगी।
इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ छत्तीसगढ़ एग्रिकान समिति के जिला समन्वयक दीपक बागरी, फील्ड ऑफिसर सुरेंद्र सोनकर, नितेश चंदेल, ओमप्रकाश भास्कर, कविता लांझी, आस्था केशरवानी और रायपुर से पवन यादव एवं बड़ी संख्या में कवीर किसान सम्मिलित हुए ।