नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए चुनावी सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं और कांग्रेस पार्टी में चर्चाओं का दौर जारी है। खासकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और दो बार के नगर पालिका पार्षद संतोष नामदेव का नाम चर्चा में है। एक तरफ जहां कई बड़े कांग्रेस नेता इस दौड़ से बाहर हो गए हैं, वहीं दूसरी तरफ संतोष नामदेव को अध्यक्ष पद के लिए पार्टी और जनता दोनों से भारी समर्थन मिल रहा है।
कभी प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के गृह क्षेत्र से पार्षद रह चुके संतोष नामदेव का राजनीतिक करियर कई वर्षों से लगातार मजबूती से बढ़ता जा रहा है। वार्ड नंबर 19, जो कि संतोष नामदेव का गढ़ माना जाता है, से उनका परिवार लगातार चुनाव जीतता आ रहा है। वर्तमान में उनकी पुत्रवधू श्रद्धा नामदेव इस वार्ड की पार्षद हैं। इससे स्पष्ट है कि संतोष नामदेव का परिवार जनसेवा में समर्पित है और उनका जनाधार मजबूत है।
संतोष नामदेव ने नगर पालिका के दो बार पार्षद रहने के बाद कांग्रेस सरकार में स्नातकोत्तर महाविद्यालय के जनभागीदारी अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं। इसके साथ ही उनका सामाजिक योगदान भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे नामदेव समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। राजनीतिक सूझबूझ और नगर पालिका के हर गतिविधि पर पैनी नज़र रखने के कारण वे लगातार अपने वार्ड से चुनाव जीतते आए हैं।
संतोष नामदेव की राजनीतिक यात्रा में उनकी पत्नी स्व. सुरेखा नामदेव का योगदान भी अहम रहा है। सुरेखा नामदेव ने भी दो बार पार्षद रहते हुए नगर पालिका में सेवाएं दी थीं। उनके निधन के बाद, उनकी पुत्रवधू श्रद्धा नामदेव ने उपचुनाव में भाग लिया और चुनाव जीतकर इस परंपरा को कायम रखा।
संतोष नामदेव का नाम इस बार नगर पालिका अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में चर्चा में है। पार्टी कार्यकर्ता और जनता दोनों की ओर से उनका समर्थन किया जा रहा है। इस बात की चर्चा है कि यदि वे अध्यक्ष पद के उम्मीदवार बने तो इससे कांग्रेस पार्टी को एक संगठित नेतृत्व मिलेगा, जो पार्षदों को जोड़ने और पार्टी की स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगा।
स्थानीय राजनीति में संतोष नामदेव का प्रभाव बढ़ता जा रहा है और नगर पालिका के चुनावों में उनका नाम अध्यक्ष पद के दावेदार के रूप में प्रमुख है। पार्टी और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को देखते हुए यह साफ है कि आगामी चुनावों में संतोष नामदेव बीजेपी को गंभीर चुनौती दे सकते हैं।
पार्षदों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच संतोष नामदेव के नेतृत्व में कांग्रेस के पक्ष में एक नया जोश देखने को मिल रहा है। आने वाले दिनों में यह देखा जाएगा कि क्या उनका नाम कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में पक्का होता है, लेकिन इस समय वे एक मजबूत और प्रभावशाली उम्मीदवार के रूप में उभर रहे हैं।