कवर्धा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत पात्र हितग्राहियों को अधिक से अधिक लाभान्वित करने के उद्देश्य से मोर दुआर साय सरकार महाअभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में गत 18 अप्रैल को जिला पंचायत के सभापति डॉ. वीरेन्द्र साहू ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के ग्राम गुढ़ा में प्रधानमंत्री आवास के पात्र हितग्राहियों से मुलाकात की और उन्हें केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान डॉ. वीरेन्द्र साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत पात्र परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि मोर दुआर साय सरकार महाअभियान का उद्देश्य अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।
जिला पंचायत सभापति ने कहा कि मोबाइल ऐप के माध्यम से पारदर्शी तरीके से सर्वे किया जा रहा है, जिससे किसी भी पात्र हितग्राही को योजना से वंचित न रहना पड़े। उन्होंने सभी ग्रामीणों से अपील की कि वे इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं और 30 अप्रैल तक अपना सर्वे जरूर कराएं। साहू ने अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए अपने क्षेत्र के पात्र हितग्राही का प्रतीकात्मक सर्वे कर हितग्राही का ऑनलाइन फार्म भरकर हितग्राही को श्रीफल व गुलदस्ता भेटकर बधाई दी। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि 30 अप्रैल तक चलने वाले इस सर्वे में सभी सक्रिय भागीदारी निभाएं। जो परिवार रोजगार के लिए बाहर हैं, वे भी समय निकालकर गांव लौटें और अपना सर्वे करवाएं, ताकि उन्हें योजना का लाभ मिल सके। यह अभियान राज्य सरकार की जनकल्याणकारी सोच को धरातल पर उतारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे ग्रामीण अंचलों में आवासहीनों को पक्का मकान मिल सकेगा। इस अवसर पर मुख्य रूप से जनपद सभापति रूपेंद्र सिन्हा, जनपद सदस्य मनोज बंजारे, सरपंच गणेश बर्वे, चतुर साहू, नीलू धुर्वे, कृष्णा साहू, भीखम सिन्हा, धर्मेंद्र रात्रे, कुंं दन साहू, रामजी साहू, रोहित साहू, यशवंत साहू, इतनू साहू, ग्राम पंच, आवास मित्र, रोजगार सहायक सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
जल संरक्षण के लिए ग्रामीणों को किया प्रेरित।
जिला पंचायत के सभापति डॉ वीरेन्द्र साहू ने इस अभियान के तहत जहां आवास सर्वे अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाई वहीं उन्होने अपने निर्वाचन क्षेत्र के ग्राम गुढ़ा के ग्रामीणों जलसंरक्षण के लिए प्रेरित करते हुए उन्हें इसका महत्व भी बताया। उन्होने कहा कि वर्तमान में कबीरधाम के कई क्षेत्रों में जलस्तर काफी नीचे चला गया है जिससे प्रभावित क्षेत्रों में जलसंकट की स्थिति निर्मित हो रही है। उन्होने कहा कि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए हम सभी को जलसंरक्षण की दिशा में अपनी जिम्मेदारी तय करनी होगी। उन्होने कहा कि हमें वर्षाकाल में बारिश के पानी को संग्रहित और संरक्षित करने के संसाधन विकसित करने चाहिए। इसके अलावा वर्तमान में हमारे पास जो जल और जल स्त्रोत हैं उनका जरूरत के हिसाब से ही दोहन करना चाहिए। जल की बर्बादी न हो जल व्यर्थ में न बहे इस बात का विशेष ख्याल रखना होगा।