कवर्धा .. ‘‘वेदों की ओर लौटो‘‘ स्वामी दयानंद सरस्वती जी का ध्येय वाक्य था, जिन्होंने आर्य समाज की नींव रखी, इसी परिप्रेक्ष्य में इनकी 150वीं जन्म शताब्दी के अंतर्गत कवर्धा के श्री रामकृष्ण पब्लिक स्कूल, कवर्धा में ‘‘आओ: जीवन निर्माण करें‘‘ इस विषय पर विशेष व्याख्यान माला का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य वक्ता श्री चन्द्रशेखर शास्त्री जी नई दिल्ली रहे।
अपने विस्तृत व्याख्यान में इन्होंने छात्र-छात्राओं को ‘ऊँ‘ मंत्र के उच्चारण का महत्व, किस प्रकार जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है, जिसमें ‘‘क-प-ऊ‘‘ अर्थात् कड़ी मेहनत, पक्का इरादा, व ऊँची सोंच का सूत्र बताया, वर्तमान में 75000 वृद्धाश्रम देश में विद्यमान है, जिनमें अमीर घर के माँ बाप आश्रय पर रहे हैं, अतः अपने बच्चों को कार भले न दें, संस्कार अवश्य देवें पालकों से कहा कि वे 5 वर्ष तक लालन-पालन, 10 वर्ष तक कड़ाई एवं 16 वर्ष उपरांत उनसे मित्रवत् व्यवहार करें। इन्होंने स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद एवं अब्दुल कलाम जी के भी शिक्षा का वर्णन किया, उद्बोधन में नमस्ते शब्द का अर्थ एवं कई छोटी-छोटी लघुकथा का भी वर्णन किया, पूरे व्याख्यान माला में इन्होंने कक्षा आठवीं से आरहवीं तक के बच्चों से भी शिक्षा, संस्कार एवं उनकी भावी योजनाओं पर प्रश्न किया, जिसका उत्तर बच्चों ने बड़े ही सहज भाव से दिया, कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के डायरेक्टर डाॅ. आदित्य चन्द्रवंशी एवं प्राचार्या एम. शारदा ने शास्त्री को शाल एवं श्रीफल से सम्मानित किया, साथ ही साथ इस प्रकार का व्याख्यान बच्चों के भविष्य निर्माण हेतु आवश्यक है, जिसका आयोजन होते रहना चाहिए।


