कवर्धा – नवरात्रि के पावन अवसर पर ग्राम राजानवागांव में मां दुर्गा का आगमन इस वर्ष भी बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ हुआ। गांव में जगह-जगह प्रतिमाएं स्थापित की गईं, जिनमें आदर्श चौक पर सिंह पर सवार मां दुर्गा की प्रतिमा भक्तों को आकर्षित कर रही है, वहीं बाजार चौक में मां दुर्गा नौ रूपों में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दे रही हैं।
गांव के सभी वर्गों के लोग मिलकर पूजा-अर्चना और आरती में शामिल हो रहे हैं। महिलाएं और युवतियां माता की झांकी सजाने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। वहीं, बच्चों और युवाओं में भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।
खप्पर परंपरा विशेष आकर्षण
राजानवागांव की विशेष परंपरा ‘विश्व प्रसिद्ध खप्पर प्रथा’ इस वर्ष भी अष्टमी की मध्यरात्रि को निभाई जाएगी। मान्यता है कि मां कालिका इस रात खप्पर हाथ में लेकर ग्राम भ्रमण के लिए निकलती हैं। इस अनोखी परंपरा को देखने आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
दशहरा नवमी को, राजा जी होते हैं शामिल
गांव की परंपरा के अनुसार दशहरा पर्व नवमी के दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर कवर्धा नरेश राजा जी विशेष रूप से शामिल होते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं। रात्रि में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है, जिसमें स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुति देकर दर्शकों का मनोरंजन करते हैं।
ग्रामवासियों में उत्साह
ग्रामवासियों का कहना है कि नवरात्रि का यह पर्व न केवल आस्था और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक परंपराओं को भी जीवंत बनाए रखता है।