शक्ति की आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रि, जिसमें समूचा भारत, माता की भक्ति में लीन हो जाता है, इसी महापर्व के समापन उपरांत दसवें दिन बुराई पर अच्छाई की जीत ‘‘विजयादशमी‘‘ का पर्व मनाया जाता है, चूँकि इस दौरान शासकीय अवकाश रहता है, तो इसके पूर्व ही, इसी पर्व के महत्व को अवगत कराने के उद्येश्य से कवर्धा अंचल के सर्वश्रेष्ठ सीबीएसई विद्यालय श्री रामकृष्ण पब्लिक स्कूल कवर्धा में
‘‘विजयादशमी पर्व‘‘ का पूर्व आयोजन शनिवार को किया गया, विद्यालय का समूचा वातावरण जय श्री राम के जयघोष से गुंजायमान हो उठा, जब प्राथमिक वर्ग के नन्हें मुन्ने बच्चे धनुष-बाण लिए आकर्षक साज, सज्जा के साथ उपस्थित हुए, यहाँ यह बताना भी लाजिमी है कि कुछ एक बच्चे ही नहीं बल्कि सभी नन्हें-मुन्ने बच्चे रामायण के विभिन्न पात्र जैसे राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुहन, माता सीता, हनुमान जी, कौशल्या माता, जामवंत, सुग्रीव, नल-नील, अंगद सहित अनेकानेक किरदारों के साथ पूरे विद्यालय के प्रांगण को रामायण के रंग-मंच की तरह सुशोभित कर रहे थे।
इसी कड़ी में विद्यालय के कला विभाग द्वारा बांस, गत्ता, रंग-बिरंगे पेपर, थर्माकाॅल, आकर्षक रंग, सहित धोती एवं अनेक आभूषणों से सुसज्जित बेहद ही कलात्मक एवं मनमोहक ‘‘दशानन रावण‘‘ की प्रतिकृति बनायी गई, जिसे विद्यालय के मैदान में लगाया गया, हलचल तब होने लगी जब इस पूरे उत्सव का मुख्य पल आया, जब राम के किरदार रूपी बच्चें ने तीर से रावण की इस प्रतिकृति का दहन किया, जिससे पूरा मैदान रंग-बिरंगे आतिशबाजी एवं रंगों से सराबोर हो गया, पूरे कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में संस्था के डायरेक्टर डाॅ. आदित्य चन्द्रवंशी ने कहा कि विजयादशमी पर्व तब सार्थक होगा जब हम सभी अपने अंदर के बुराई रूपी रावण का दहन करें, उपस्थित बच्चों को विद्यालय की प्राचार्या एम. शारदा ने भी संबोधित करते हुए कहा कि यह पर्व रावण पर श्रीराम की विजय, अधर्म पर धर्म की विजय, असत्य पर सत्य की विजय, बुराई पर अच्छाई की विजय, अज्ञान पर ज्ञान की विजय, पाप पर पुण्य की विजय का प्रतीक है,
अतः सभी सत्य और सदाचार का पालन करें, बुराई से बचें और जीवन में सफलता पाएँ एवं सभी को विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ। पूरे आयोजन को सफल बनाने मे विद्यालय के कला विभाग सहित सभी विभागों एवं अशैक्षणिक स्टाॅफ की महती भूमिका रही।