मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय, महानदी भवन में बस्तर संभाग के कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर और सुकमा जिले में शासन की महत्वाकांक्षी नियद नेल्ला नार योजना के तहत वहां के निवासियों को मिल रही बुनियादी सुविधाओं की गहन समीक्षा की। जैन ने नक्सल प्रभावित जिले मोहला-मानपुर-चौकी, गरियाबंद और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई सहित अन्य नक्सल प्रभावित जिलों में केन्द्र और राज्य सरकार की चयनित योजनाओं के अंतर्गत शत-प्रतिशत पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव जैन ने बैठक में नियद नेल्ला नार योजना के अंतर्गत आने वाले गांवों में लोगों की सभी बुनियादी सुविधाओं और कल्याणकारी योजनाओं के हितग्राहियों का डॉटा रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि सुविधा प्रदान करने वाले सभी विभागीय सचिवों के पास कार्ययोजना एवं दी जा रही सुविधाओं की सभी जिलों में प्रत्येक घर की अद्यतन जानकारी होना चाहिए। मुख्य सचिव ने खाद्य विभाग के अधिकारियों को योजना क्षेत्र के गांवों में सभी हितग्राहियों को राशन कार्ड पर चावल, गुड़, चीनी, चना इत्यादि सामग्री अनिवार्य रूप से मिले, इसकी निगरानी के निर्देश दिए। उन्होंने बस्तर संभागायुक्त को नियद नेल्ला नार योजना की सतत निगरानी करने को कहा।
मुख्य सचिव ने बैठक में सामूहिक एवं व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टा, 500 यूनिट मुफ्त बिजली, किसान सम्मान निधि, कृषि उपकरण, सिंचाई सोलर पंप और किसानों के खेतों में बोरवेल की सुविधा के बारे में कलेक्टरों से जानकारी ली। उन्होंने हाई मास्ट लाइट स्थापना, उज्जवला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन, निःशुल्क सामग्री, पेयजल, नल से जल, जल जीवन मिशन, कौशल विकास प्रशिक्षण, खेल सामग्री, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास, बारहमासी सड़कों की सुविधा, पीएम किसान सम्मान निधि तथा आयुष्मान कार्ड सहित मोबाइल कनेक्टिविटी और बैंक एटीएम सुविधा की भी जानकारी ली। उन्होंने योजनांतर्गत आने वाले गांवों में आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों और स्कूल भवनों की स्थिति और लघु वनोपज की खरीदी सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की भी विस्तार से समीक्षा की।
जैन ने बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, पुल-पुलिया और मोबाइल टॉवर के कार्यों की जिलेवार समीक्षा की। उन्होंने एमओआरटी वार्षिक योजना के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की प्रगति की भी जानकारी ली। मुख्य सचिव ने राज्य के सभी नक्सल प्रभावित जिलों में केन्द्र एवं राज्य सरकार की चयनित व्यक्तिमूलक योजनाओं से शत-प्रतिशत हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए योजनाबद्ध कार्य करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ितों को विभिन्न योजनाओं में सेचुरेशन करने और स्किल डेवलपमेंट के संबंध में व्यापक कार्ययोजना तैयार कर कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने नए सुरक्षा कैंप क्षेत्रों में भी वहां के निवासियों के लिए योजनाओं और मूलभूत सुविधाओं का सेचुरेशन कर लाभार्थियों का सर्वे कर शत-प्रतिशत पात्र हितग्राहियों को योजनाओं से लाभान्वित करने को कहा।
मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में गृह एवं जेल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, कृषि विभाग की सचिव शहला निगार, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुलहक, बस्तर के संभागायुक्त डोमन सिंह तथा बस्तर रेंज के आईजी सुन्दरराज पी. सहित कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा, कोण्डागांव, गरियाबंद, मोहला-मानपुर-चौकी एवं खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक तथा संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए।