ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में वैसे तो हर महीने को महत्वपूर्ण बताया गया है लेकिन पौष का महीना बेहद ही खास माना जाता है जो हिंदू पंचांग का 10वं महीना होता है जिसे आम बोल चाल में पूष के नाम से भी जाना जाता है यह पवित्र मास भगवान विष्णु और श्री सूर्यदेव को समर्पित होता है। इस महीने में सूर्य देव, भगवान विष्णु और पितरों की उपासना करने से धन, ऐश्वर्य और अच्छी सेहत की प्राप्ति होती है।
इसके साथ ही साधक को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पौष माह में पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करना लाभकारी होता है ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में शांति व समृद्धि आती है इस साल पौष माह का आरंभ 27 दिसंबर से हो चुका है जो कि 25 जनवरी तक रहेगा। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पौष माह से जुड़े नियम बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
पौष माह से जुड़े जरूरी नियम—
पौष माह में पड़ने वाला रविवार बेहद ही खास माना जाता है इस दिन उपवास जरूर करना चाहिए। इस व्रत में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि पौष में पड़ने वाले रविवार के दिन तिल या फिर चावल की खिचड़ी बनाकर सूर्य देव को अर्पित करना चाहिए ऐसा करने से अच्छी सेहत प्राप्त होती है।
साथ ही इस माह में लौंग, गुड़, अदरक और अजवाइन का सेवन करना लाभकारी होता है। भूलकर भी पौष माह में मांस, मदिरा, मूली, बैंगन, उड़द दाल, मसूर दाल, फूल गोभी आदि का सेवन करने से बचना चाहिए। इस महीने में शादी, विवाह जैसे शुभ कार्यों को भी नहीं करना चाहिए। पौष माह में बुरे विचारों को मन में नहीं लाना चाहिए क्रोध और लालच करने से भी बचना चाहिए।
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