कवर्धा -सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग छत्तीसगढ़, कबीरधाम की ओर से आज कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुकदूर के प्रभारी डॉक्टर दंपति को हटाने की मांग की गई। इस दौरान कामू बैगा के नेतृत्व में समाज के कई युवा प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि 28 जुलाई को राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र विश्राम बैगा की मृत्यु के बाद उनका शव पोस्टमार्टम के लिए कुकदूर लाया गया था। लेकिन पुलिस द्वारा समय का हवाला देते हुए शव लौटा दिया गया। परिजन शव को पूरी रात सड़क किनारे रखने को मजबूर हुए। अस्पताल प्रभारी ने मर्चुरी रूम में खिड़की-दरवाजा नहीं होने का तर्क दिया, जिसे समाज ने मानवता के खिलाफ और प्रशासनिक लापरवाही करार दिया है।
प्रभारी डॉ. प्रसंगीना साधु और डॉ. स्वप्निल साधु पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं — जैसे कि एक ही स्थान पर वर्षों से पदस्थ रहना, मरीजों से अवैध वसूली, डेंटल असिस्टेंट से एनेस्थीसिया इंजेक्शन लगवाना, सप्ताहांत में गायब रहना और आपदा में मृत व्यक्तियों के परिजनों से पैसों की मांग करना। इन सभी मामलों से जुड़े साक्ष्य और गवाह भी प्रस्तुत किए गए हैं।
कामू बैगा ने चेतावनी दी कि यदि सात दिनों के भीतर इन अधिकारियों को हटाकर जांच नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा और कलेक्टर कार्यालय का घेराव होगा।
संगठन ने 30 जुलाई को रेंगाखार कला क्षेत्र के ग्राम खारा का दौरा भी किया, जहां आदिवासी बालक छात्रावास और शासकीय माध्यमिक विद्यालय का निरीक्षण किया गया। छात्रावास में अव्यवस्थाएं और विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए पुराने भवन को तोड़कर नया निर्माण कराने की मांग भी रखी गई।
ज्ञापन देने पहुंचे प्रतिनिधियों में नरेंद्र धुर्वे, आत्मा धुर्वे, गणेश धुर्वे, प्रहलाद धुर्वे, मनीष यादव, हेमलाल मरकाम, सलीम पारधी और हरीश धुर्वे सहित समाज के कई युवा शामिल थे।