कवर्धा, 24 जुलाई 2024। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में बाढ़-आपदा एवं राहत-बचाव कार्य के लिए जिला शासन द्वारा कार्य योजना तैयार कर लिया गया है। कबीरधाम जिले के छोटी-बड़ी प्रमुख 12 नदी-नालों के तट पर बसे 154 ग्रामों को संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लिए चिन्हांकित किया गया है। इन सभी ग्रामों को संभावित बाढ़ से बचान और राहत पहुचाने के लिए 58 राहत शिविरों का चिन्हांकन किया गया है। राहत शिवरों में शासकीय भवन, स्कूल, समाजिक एवं सामुदायिक भवन शामिल है। जिले के 8 तहसील क्षेत्रों के अंतर्गत 25 वर्षा मापी केंन्द्र स्थापित किया गया है। इन सभी केन्द्रों को वर्षा से पहले तैयार कर ली गई है।
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने आज समय सीमा की बैठक में कबीरधाम जिले में पिछले चार दिनों से हो रही रूक-रूक कर बारिश को विशेष ध्यान में रखते हुए तहसीलवार वर्षा की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने जिले के सभी नदी-नालों और प्रमुख पुल-पुलिया के मुख्य मार्गों में जल बहाव, पांच माध्यम जलाशयों सहित अन्य लघु जलाशयों मे जल भराव की स्थिति की समीक्षा की। कलेक्टर महोबे ने जिले में हो रही बारिश को देखते हुए जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, जल संसाधन विभाग और जनपद सीईओ को अपने-अपने क्षेत्रों के सभी छोटी-बड़ी नदी-नालों, जलाशयों में जल भराव व जल बहावों पर विशेष निगरानी रखने सहित आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक पिछले 24 घंटे में 153.6 मीली मीटर वर्षा हुई है जो पिछले वर्ष की अपेक्षा में 105 प्रतिशत है। बैठक में जिला पंचायत सीईओं संदीप कुमार अग्रवाल, अपर कलेक्टर निर्भय साहू सहित सर्व एसडीएम एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने जिले में संभाहवत बाढ़ और उनके निपटने के लिए तैयारियों की जानकारी ली। जिला स्तरीय बाढ़ एवं आपदा नियंत्रण कक्ष के लिए डिप्टी कलेक्टर आरबी देवांगन को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। बैठक में बताया गया कि संभावित बाढ़ के लिए जिले के छोटी-बड़ी प्रमुख 12 नदी-नालो के तट पर बसे 154 ग्रामों को संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लिए चिन्हांकन किया गया है। प्रमुख नदियों में सकरी नदी के किनारे बसे 39 गांव, फोक नदी के किनारे बसे 18 गांव, हाफ नदी के किनारे बसे 43 गांव, सिल्हाटी नदी के किनारे बसे 6 गांव, तमडू नदी के किनारे 4 गांव, आगर नदी के किनारे बसे 11 गांव, बंजर नदी के किनारे बसे 5 गांव, जमुनिया नदी के किनारे बसे 8 गांव, उड़िया नदी के किनारे बसे 5 गांव, सहसपुर नदी के किनारे बसे 6 गांव, बेलहरी नाला के किनारे बसे 3 गांव और कर्रा नाला के किनारे बसे 6 गांव इस तरह से कुल 154 गांवों को संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के रूप में चिन्हांकन किया गया है। राहत शिविर के लिए 58 स्कूल, भवन, सामुदायिक भवनों को चिन्हांकित किया गया।
कलेक्टर महोबे ने जिले के सभी अनुविभागीय अधिकरी, तहसीलदार, जनपद सीईओ को अपने-अपने क्षेत्रों के मध्यम जलाशय के उलट एरिया, और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों तथा नदी के किनारे बसे संभावित बाढ़ प्रभावित ग्रामों के लिए चिन्हांकित शिविरों के लिए वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्य समाग्री, नमक, कोरोसीन, जीवन रक्षक दवाइयां आदि संग्रहित करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए है।
कलेक्टर महोबे ने बाढ़ प्रभावित एवं पहुंच विहिन क्षेत्रों के लिए डाक्टर्स की दल गठन करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है। साथ ही राजस्व लेखा शाखा को आवश्यक तैयारियां की जानकारी अवगत कराने सहित समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में मानूसन के दौरान सर्प एवं अन्य जीवन जन्तू काटने से मृत्यु होने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए सर्प दंश के बचाव के लिए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर ने पीएचई और स्वास्थ्य विभाग को वर्षा ऋतु में जलजनित बीमारियों के रोकथाम एवं नियंत्रण के बचाव के लिए पेयजल की शुद्धता एवं स्वच्छता को दृष्टिगत रखते हुए कुंओ, हैण्डपंप आदि में बलीचिंग पाउडर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
जिले में बाढ़ आपदा नियत्रंण कक्ष एवं कंट्रोल रूम स्थापित
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने निर्देश पर जिले में बाढ़ आपदा नियत्रंण कक्ष एवं कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम का दूरभाष नम्बर 07741-232038 है। उक्त नियंत्रण कक्ष 24 घंटा क्रियाशील रहेगा। इसके अतिरिक्त आपात स्थिति में इन दूरभाष नंबर एवं अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है। इन अधिकारियों में कवर्धा नगर पालिका अधिकारी नरेश वर्मा का सपर्क नम्बर 94077-60744, जिला नगर सेनानी एवं प्रभारी फायर बिग्रेड अधिकारी, पुलिस नियत्रंण कक्ष 07741-232674,231887,100 अथवा 112, जिला चिकित्सालय 07741-233553 अथवा 108 पर त्वरित सूचना प्रेषित किया जा सकता है। इसके लिए अतिरिक्त संबंधित विभाग को कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने और इसकी सूचना जिला कार्यालय को प्रेषित करने के निर्देश दिए। जिला स्तरीय बाढ़ आपदा नियत्रंण कक्ष एवं कंट्रोल रूम में 24 घंटे कर्मचारियों की तैनाती के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।