कवर्धा। नगर के शीतला वार्ड नंबर 19 में एक बार फिर जनविश्वास की अलख जग उठी है। लगातार चार बार जनता के भरोसे को बनाए रखने वाले लोकप्रिय पार्षद संतोष नामदेव और स्वर्गीय सुरेखा नामदेव की बहू एवं तत्कालीन पार्षद श्रद्धा सौरभ नामदेव जब वार्डवासियों के बीच पहुंचीं, तो माहौल भावनाओं, ऊर्जा और आशीर्वाद से भर उठा। हर गली, हर चौक, हर द्वार से जनसमर्थन उमड़ पड़ा, मानो पूरा वार्ड एक स्वर में अपने प्रिय प्रतिनिधि को शुभकामनाएं देने के लिए तैयार खड़ा हो।
मां शीतला मंदिर में पूजा-अर्चना, शंखनाद से चुनावी यात्रा का शुभारंभ
अपनी चुनावी यात्रा की पवित्र शुरुआत करने से पहले श्रद्धा सौरभ नामदेव ने नगर की देवी मां शीतला के मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया। जब शंखनाद गूंजा, तो ऐसा लगा मानो संपूर्ण वार्ड में ऊर्जा का संचार हो गया हो।
श्रद्धा सौरभ नामदेव की इस आध्यात्मिक शुरुआत ने यह संदेश दिया कि उनका यह सफर केवल एक चुनावी प्रक्रिया नहीं, बल्कि जनता की सेवा और समर्पण का एक संकल्प है। मां शीतला के चरणों में शीश नवाकर उन्होंने अपने वार्डवासियों के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की और फिर पूरे जोश और आत्मविश्वास के साथ अपनी चुनावी यात्रा की दिशा में कदम बढ़ाए।
जनता का अटूट विश्वास – चार बार की सेवा, फिर एक नया संकल्प
शीतला वार्ड नंबर 19 की जनता ने संतोष नामदेव को लगातार चार बार अपना प्रतिनिधि चुना, यह इस बात का प्रमाण है कि उनका कार्य और समर्पण लोगों के दिलों में गहराई से बसा हुआ है। अब उनकी इस सेवा यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए श्रद्धा सौरभ नामदेव को प्रत्याशी के रूप में देखना, वार्डवासियों के लिए गर्व और विश्वास का विषय बन गया है।
जब वे अपने वार्ड में पहुंचीं, तो जनता ने न केवल उन्हें भावनाओं से भरा समर्थन दिया, बल्कि आशीर्वाद और शुभकामनाओं की झड़ी लगा दी। बुजुर्गों ने प्रेमपूर्वक आशीर्वाद दिया, युवाओं ने जोश और उत्साह के साथ समर्थन जताया, महिलाओं ने उनके नेतृत्व को सशक्त बताया और बच्चों ने भी मुस्कान के साथ इस उमंगभरे माहौल का हिस्सा बने।
श्रद्धा सौरभ नामदेव का संकल्प – जनता के हर सुख-दुख में साथ खड़े रहना
अपनी चुनावी यात्रा की शुरुआत करते हुए श्रद्धा सौरभ नामदेव ने भावनात्मक रूप से कहा,
“यह सिर्फ एक चुनाव नहीं, बल्कि वार्ड के हर नागरिक के लिए मेरी जिम्मेदारी का एक नया अध्याय है। मेरे लिए राजनीति कोई पद प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि सेवा का एक संकल्प है। मैं हमेशा अपने वार्डवासियों के साथ खड़ी रहूंगी, उनकी समस्याओं का समाधान करना और उनके जीवन में खुशहाली लाना मेरी प्राथमिकता रहेगी।”
उनका यह संकल्प लोगों के दिलों में सीधे उतर गया। उनकी बातें न केवल प्रेरणादायक थीं, बल्कि यह भी दर्शा रही थीं कि वे अपने कार्यों से जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह से खरी उतरेंगी।
वार्डवासियों का उत्साह – बदलाव नहीं, निरंतरता चाहते हैं लोग
शीतला वार्ड में यह स्पष्ट दिखा कि यहां के लोग किसी बदलाव के पक्ष में नहीं हैं, बल्कि वे उसी नेतृत्व को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं जिसने अब तक उनकी सेवा की है। जब श्रद्धा सौरभ नामदेव वार्ड के कोने-कोने में पहुंचीं, तो जनता ने स्पष्ट संकेत दे दिया कि वे फिर से उसी परंपरा को कायम रखेंगे, जहां सेवा और समर्पण सबसे आगे है।
जनता ने दिखाया अपना समर्थन, फिर एक नए इतिहास की तैयारी
वार्डवासियों के उत्साह और आशीर्वाद से यह स्पष्ट हो गया कि श्रद्धा सौरभ नामदेव के नेतृत्व में शीतला वार्ड एक नए इतिहास को गढ़ने के लिए तैयार है। यह चुनाव केवल एक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि जनता के विश्वास, प्रेम और समर्थन की एक शानदार मिसाल बनने जा रहा है।
वार्डवासियों की आस्था, श्रद्धा सौरभ नामदेव की प्रतिबद्धता और जनता के सहयोग से यह चुनावी यात्रा केवल एक शुरुआत है – एक नई कहानी की, एक नए अध्याय की, जहां सेवा, समर्पण और विश्वास ही असली जीत होगी।