कबीरधाम – ग्राम राजानवागांव में इस वर्ष भी दशहरा उत्सव बड़े ही धूमधाम और धार्मिक आस्था के साथ मनाया जाएगा। परंपरागत नव दुर्गा उत्सव समिति एवं आदर्श दुर्गा उत्सव समिति के संयुक्त तत्वावधान में होने वाला यह आयोजन लगातार 38 वर्षों से ग्राम की पहचान बन चुका है।
समिति से मिली जानकारी के अनुसार, 30 सितम्बर (मंगलवार, अष्टमी) की मध्यरात्रि परंपरा अनुसार खप्पर निकाला जाएगा, जिसके साथ उत्सव का शुभारंभ होगा। इसके बाद 1 अक्टूबर (बुधवार, दशहरा) को ग्राम के मुख्य बाजार चौक में भव्य आयोजन होगा। इस अवसर पर 38 ज्योतियां प्रज्वलित की जाएंगी, जो आयोजन की परंपरा और इसके निरंतर होते आ रहे क्रम का प्रतीक होंगी।
आयोजन का मुख्य आकर्षण रहेगा राम-लक्ष्मण द्वारा रावण वध की पारंपरिक झांकी, जिसे देखने हर साल हजारों श्रद्धालु उमड़ते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम की कड़ी में लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी मंचन “ये मोर करौंदा” का मंचन किया जाएगा, जो दर्शकों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा।
इस वर्ष के आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में राजा योगेश्वर राज कवर्धा नरेश शामिल होंगे। उनका आगमन बुधवार शाम 4 बजे निर्धारित है। समिति और ग्रामवासी उनके स्वागत की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
समिति पदाधिकारियों ने बताया कि “हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दशहरा उत्सव को भव्य बनाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यह केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं बल्कि हमारी परंपरा और संस्कृति का प्रतीक है।”
ग्राम के वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि “38 वर्षों से यह उत्सव गांव की एकता और भाईचारे को मजबूत करने का माध्यम रहा है। यहां आसपास के 20 से 25 गांवों से श्रद्धालु और दर्शक शामिल होते हैं, जिससे पूरा क्षेत्र उत्सवमय हो उठता है।”
ग्रामवासियों ने सभी श्रद्धालुओं एवं नागरिकों से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में उपस्थित होकर इस धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व को सफल बनाएं और दशहरा उत्सव की परंपरा को और भी अधिक भव्यता प्रदान करें।