तिल्दा – इस वर्ष 2025 मे दीपावली ( लक्ष्मी पूजन) के पर्व को लेकर अधिकाधिक भ्रम और मतभेद की स्तिथि बनी हुई है. इस वर्ष दीपावली पूजन 20 अक्तूबर और 21 अक्तूबर को दोनों दिन मनाने को लेकर भ्रम की स्तिथि बनी हुई है. इस पर अपना विचार व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध भागवताचार्य एवं ज्योतिर्विद पंडित नंदकुमार शर्मा जी (निनवा तिल्दा वाले ) ने कहा कि दीपावली पूजन को लेकर ज्यादा तर्क वितर्क या मतभेद करने की आवश्यकता नहीं है. अपने अपने क्षेत्र विशेष मे सूर्योदय, सूर्यास्त, अमावस्या तिथि, प्रदोष काल आदि को ध्यान मे रखते हुए दीपावली पूजन को मान्य करे. क्योंकि शास्त्रों मे कहा गया है – –
*”युवती शास्त्र नृपति बस नाहीं”* शास्त्रों का मत किसी के बस मे नहीं होता है. उन्होंने बताया कि रायपुर ( छत्तीसगढ़) का अपना क्षेत्रीय देव पंचांग मे तिथि, प्रदोष काल आदि के अनुसार दीपावली पूजन 21 अक्तूबर मंगलवार को ही मान्य किया गया है. धर्म सिंधु और निर्णय सिंधु के अनुसार अमावस्या तिथि प्रदोष व्यापिनी होना चाहिए यानी कि अमावस्या तिथि का उस दिन के संध्याकाल को स्पर्श करना आवश्यक है. आचार्य शर्मा जी ने बताया कि धर्म सिंधु और निर्णय सिंधु के अनुसार दीपावली पूजन के लिए यदि दो दिन अमावस्या तिथि पडती है और दोनों ही दिन प्रदोष काल को स्पर्श करती है तब उस स्तिथि मे दूसरे दिन मे दीपावली ( लक्ष्मी) पूजन करना उचित और शास्त्र सम्मत होता है. उन्होंने बताया कि रायपुर ( छत्तीसगढ़) द्वारा प्रकाशित क्षेत्रीय पंचांग देव पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि 20 अक्तूबर सोमवार को शाम 3 बजकर 44 मिनट मे प्रारम्भ हो रही है और अमावस्या तिथि की समाप्ति 21 अक्तूबर मंगलवार को शाम 5 बजकर 54 मिनट मे हो रही. ऐसे मे दूसरे दिन मे भी प्रदोष व्यापिनी और संध्याकाल तक अमावस्या तिथि हो रही है. अतः 21 अक्तूबर को दीपावली पूजन करना उचित और मान्य है. 21 अक्तूबर शुक्रवार को लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार से है..
शाम 04:43 से शाम 6:19 बजे तक ( गोधूलि), शाम 06:59 से रात्री 08:58 तक (वृषभ स्थिर लग्न), रात्री 01:25 से रात्री 03:36 तक ( सिंह स्थिर लग्न).