कवर्धा, 20 जून 2024। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के दिशा-निर्देश पर भोरमदेव अभ्यारण्य कवर्धा में 2024 का बर्ड सर्वे इस वर्ष 8 जून 2024 से 10 जून 2024 तक किया गया गया। आज जिला स्तरीय विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर जनमेज महोबे एवं वन मण्डलाधिकारी शशि कुमार द्वारा उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा को सर्वे पर आधारित फोटो फ्रेम एवं पक्षियों के बुकलेट सौजन्य भेंट किया गया।
समीक्षा बैठक में बताया गया वन मण्डलाधिकारी शशि कुमार ने बताया कि 8 जून को भोरमदेव अभ्यारण के उद्घाटन समारोह में लगभग 90 प्रतिभागी जो की छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश आदि राज्यों से सम्मलित हुए। उद्घाटन समारोह में मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी विश्वेश कुमार, वन मंडल अधिकारी शशि कुमार प्रशिक्षु भारतीय वन सेवा के अधिकारी अभिषेक अग्रवाल, अधीक्षक, भोरमदेव अभ्यारण्य, उपवन मंडल अधिकारी कवर्धा, परिक्षेत्र अधिकारी भोरमदेव, परिक्षेत्र अधिकारी चिल्फी एवं समस्त वन कर्मचारी भोरमदेव अभ्यारण्य कवर्धा उपस्थित रहे।
द्वितीय दिवस प्रतिभागियों को रजिस्ट्रेशन एवं किट वितरण एवं आवश्यक ब्रीफिंग उपरांत बर्ड सर्वे के लिए बनाए गए लगभग 30 भिन्न-भिन्न स्थलों में भेजा गया। बर्ड गाइड के लिए गिधवा परसदा एवं जंगल सफारी में कार्यरत पक्षी विशेषज्ञों को बुलाया गया था जिन्हें प्रत्येक ग्रुप में एक या दो की संख्या में शामिल किया गया था। बर्ड सर्वे का आयोजन इसलिए किया गया था कि हमें ज्ञात हो सके की संपूर्ण अभ्यारण क्षेत्र में वर्तमान में कितनी प्रजातियां की पक्षियों निवासरत हैं। इसके लिए उपस्थित हुए प्रतिभागियों को कल 15 ग्रुपों में विभाजित किया गया था साथ ही पूरे अभयारण्य में 30 गस्ती मार्गाे का चयन किया गया था। 15 मार्गाे में सुबह एवं 15 मार्गाे में शाम को बर्ड सर्वे का कार्य किया गया। सर्वे की रिकॉर्डिंग इलेक्ट्रॉनिक और तैयार किए गए चेकलिस्ट में भी की गई। चेकलिस्ट में अभयारण्य में पूर्व से ज्ञात 195 पक्षी प्रजातियों की सूची दी गई थी जैसे-जैसे पक्षी प्रेमियों द्वारा नई स्पीशीज देखी जाती गई वैसे-वैसे उनके द्वारा चेक लिस्ट में टीक किया गया साथ ही यदि कोई प्रजाति चेक लिस्ट में नहीं थी तो उसका नाम लिस्ट के अंत में जोड़ा गया। जैव विविधता और पक्षी प्राणी प्रेमियों को प्रकृति की गोद में अभयारण्य क्षेत्र में बने वनरक्षक आवास या पेट्रोलिंग कैंपों में ही रोका गया जिससे कि उन्हें वन कर्मियों के जीवन से जुड़े विषय में भी अनुभव प्राप्त हो सके।
अंतिम दिवस समापन समारोह में पक्षी प्रेमियों से अनुभव साझा करने के लिए भी कहा गया जिसमें सभी पशु प्रेमी संतुष्ट नजर आए और उनके द्वारा अभयारण्य द्वारा आयोजित की गई। बर्ड सर्वे कार्यक्रम की सराहना की गई और भविष्य में भी ऐसे आयोजन करते रहने के लिए निवेदन किया गया। बर्ड सर्वे के दौरान संकलित किए गए डाटा का विस्तृत अध्ययन अभी नहीं किया गया है लेकिन फौरी तौर पर देखा गया है कि लगभग 143 विभिन्न पक्षी की प्रजातियां की रिपोर्टिंग प्रतिभागियों द्वारा की गई है।
वर्तमान में यह संख्या कम प्रतीत हो रही है क्योंकि जूलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के द्वारा अभ्यारण में 195 प्रजातियों की रिपोर्टिंग की गई थी। ऐसा इसलिए प्रतीत हो रहा है क्योंकि यह सर्वे ग्रीष्म ऋतु में आयोजित किया गया है और ग्रीष्म ऋतु में माइग्रेटरी बर्ड्स नहीं देखे जा सकते यह 143 प्रजातियां अभयारण्य की स्थाई प्रजातियां हैं। माइग्रेटरी बर्ड्स जो अभ्यारण में आते हैं उनके अध्ययन के लिए भी भविष्य में शीत ऋतु में पुनः बर्ड सर्वे का आयोजन किया जाए तो बेहतर होगा जिससे यह आंकड़ा 250 के आसपास पहुंचने की संभावना है।