कवर्धा – श्री रामकृष्ण पब्लिक स्कूल में तीन दिवसीय वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ समापन। गौरतलब है कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए पढ़ाई के साथ ही साथ शालेय सहगामी प्रतियोगिताओं का होना भी आवश्यक एवं अनिवार्य है।
इसी उद्येश्य की पूर्ति हेतु श्री रामकृष्ण पब्लिक स्कूल में तीन दिवसीय क्रीड़ा प्रतियोगिता का शानदार आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा नर्सरी से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर भाग लेकर अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
आयोजन के प्रथम दिवस नर्सरी से कक्षा 2रीं तक 20 मी. रेस, 50 मी. रेस, फ्राॅग रेस, प्लेट रेस, बाॅल रेस, सुई धागा , कुर्सी दौड़, जलेबी दौड़ आदि मनोरंजक खेलकूद बच्चों के मध्य कराया गया। दूसरे दिवस के कार्यक्रम का आगाज़ डाॅ. पी.पी. चन्द्रवंशी , पूर्व प्राचार्य शास. महा. बेमेतरा एवं निर्देशक डाॅ. आदित्य चन्द्रवंशी के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के चारों आधार स्तंभ संस्कार, रीति, परंपरा एवं संस्कृति हाऊस के बच्चों के द्वारा अपने दलीय परिधान से सुसज्जित होकर बेंड की धुन पर मार्चपास्ट करते हुए सलामी दी गई तदुपरांत खेल शिक्षक के द्वारा अतिथियों का सभी हाऊस के प्रतिनिधियों से क्रमशः परिचय कराया गया। तत्पश्चात् कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. पी.पी. चन्द्रवंशी के द्वारा शांति का प्रतीक कपोत (कबूतर) को स्वच्छंद आकाश में उड़ाकर खेलों का शुभारंभ किया गया। सर्वप्रथम कक्षा 3रीं से 5वीं तक बच्चों ने पीटी प्रदर्शन किया। फिर कक्षा 6वीं से 8वीं तक के बच्चों ने सामूहिक जुम्बा नृत्य की प्रस्तुति दी। इस वर्ग के बच्चों के लिए 100 मी. रेस, 200 मी. रेस, रिलेरेस, कबड्डी, खो-खो, वाॅलीबाॅल, शाॅटपुट, लंबी कुद, आब्सटेकल रेस आदि खेलों में बच्चें जहाँ अत्यंत उत्साहित नज़र आए वहीं खो-खो कबड्डी वाॅलीबाॅल में पूरे जोश एवं ऊर्जा से लबरेज अपने प्रतिद्वंदियों को पराजित करने की जद्दोजहद में दिखे। इस आयोजन में एक विशेष बात यह थी कि जिन बच्चों ने किसी भी खेलकूद में भाग नहीं लिया उनके द्वारा विद्यालय के ग्राऊंड में ही लज़ीज एवं जायकेदार पकवानों (समोसा, भेलपुरी, गुपचुप, मैगी, चाऊमीन, चाट, काॅफी) जैसे विविध व्यंजनों की बगिया सजाई गई। जिसका भरपूर लुत्फ़ बच्चों ने उठाया।
इस अवसर पर सभी विजेताओं एवं उपविजेताओं को प्रमाण पत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया। इस संबंध में विद्यालय की प्राचार्य महोदया एम. शारदा ने सभी प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा कि खेल को खेल भावना के साथ खेलना चाहिए, जीतना ही आवश्यक नहीं। उन्होंने खेलों के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि खेलों का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण योगदान होता है। खेलों से बच्चों के जीवन में सहयोग की भावना का विकास होता है। खेलकूद से बच्चें शारीरिक एवं मानसिक रूप से सुदृढ़ होते हैं। एक स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का वास होता है। इस अवसर पर समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएँ, खेल शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मचारी भी उपस्थित रहे।





