कबीरधाम!दरअसल मामला है जिले में निवासरत राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा समुदाय के लोगो का जिनके लिए केंद्र सरकार व राज्य सरकार के द्वारा तरह तरह का योजना बनाया गया है ,इतने योजनाओं के रहने के बावजूद इन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है , बैगाओ में सुधार नहीं देखने का कारण देखा जाए तो सरकार के द्वारा योजना तो बना दिया है परंतु प्रशासन स्तर पर उनका क्रियावायन सही दिशा में नहीं होता हैं । बैगा समाज के महिलाओं को परिवार नियोजन का अधिकार नहीं है इसलिए देख जाए तो एक परिवार की एक महिला 8 से 10 बच्चों को जन्म देती हैं उसके बावजूत बैगाओ कि जनसंख्या में लगातार गिरावट आ रही हैं, उसका कारण देखा जाए तो, बैगाओ में मृत्यु दर का अधिक होना और पलायन होना इन्हीं सब विषयों को लेकर बैगा आदिवासी समुदाय के युवा नेता कामू ने बीते गुरुवार को जिला कार्यालय पहोंच राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री के नाम 8 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया जो कि इस प्रकार
है –
1. बैगा समाज के महिलाओं को परिवार नियोजन का अधिकार नहीं है और देख जाए तो एक परिवार की एक महिला 8 से 10 बच्चों को जन्म देती हैं , उनका पूरा जीवन बच्चों को जन्म देने और उनकी पालन पोषण में ही गुजर जाती हैं और अंततः उनकी मृत्यु हो जाती हैं, एक बैगा परिवार 10 बच्चों को बिना सुविधा के कैसे पालन पोषण कर सकता हैं इसलिए कुछ शर्तो पर उन्हें परिवार नियोजन का अधिकार दिया जाए साथ ही उनके परिवार को बेहतर ढंग से जीवन यापन करने हेतू 10 एकड़ की वन अधिकार पत्र दिया जाए।
2. बैगा समाज के महिलाओं को गर्भवती के समय गांव कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रति दिन गरम भोजन कि व्यवस्था हों ताकि वह कुपोषित बच्चे से लड़ने में सक्षम हो।
3. देखा जाए तो बैगा समाज के लोग रोज़गार के अभाव में पलायन कर अन्य राज्यों का रुख अधिक तादाद में करते हैं, यह लोग ज्यादातर रोजगार हेतू एजेंट के माध्यम से जाते हैं, और ऐसे सैंकड़ों केस देखने को मिला हैं कि पढ़े लिखे नहीं होने और उनके भोलेपन के कारण उनके साथ शाररिक, मानसिक, आर्थिक शोषण होता रहा हैं, जिसे रोकने हेतू ग्राम पंचायत स्तर पर लेजाने वाले एजेंट का नाम पता और रोजगार हेतू जानें वाले बैगा परिवार की पूरी जानकारी हों।
4. आप जानते हैं कि, बैगा समाज के लोग एक विशेष संरक्षित जनजाति में आते हैं और सरकार और प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि उनका पूरा देखभाल किया जाए इसके लिए जिस ग्राम पंचायत में बैगा समाज के लोग निवास करते हैं उस ग्राम पंचायत में एक पढ़े लिखे बैगा युवा को बैगा मितान के नाम से वेलेंटियर रखा जाए ताकि उस बैगा युवक द्वारा सभी क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर प्रशासन तक उनकी किसी तरह की कोई भी समस्याओं को अवगत कराकर उनकी मदद किया जा सके।
5. प्रतिदिन एक डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकार के मार्गदर्शन पर बैगाओ कि जन्म और मृत्यु चाहें जो भी कारण से हों उनका पंजीयन होनी चाहिए ताकि प्रतिदिन का आंकड़ा मिलता रहें।
6. कबीरधाम जिले के बोडला ब्लॉक के ग्राम सोनवाही लोहारा ब्लॉक के ग्राम फड़कीपारा और कोरबा जिले में दो पहाड़ी कोरवा संरक्षीत जनजाति जिनका डायरिया से मृत्यु हुआ है,मृतक परिवार को मुआवजा राशि दिया जाए।
7. बैगा समाज के शाला संगवारी शिक्षक जिन्होने अपनी ल. भ.6 वर्ष स्कूलों में बेहतर शिक्षा प्रदान किया और 12 वी पास पढ़े लिखे युवाओं को विभिन्न सभी विभागों में सीधी भर्ती के तहत सरकारी नौकरी मुहैया कराया जाएं।
8. कबीरधाम जिले के सभी बैगा ग्रामों में विशेष स्वास्थ शिविर लगवाने हेतू। साथ ही बैगा परिवार सभी सदस्यों को मच्छरदानी वितरण कराए।
ज्ञापन सौंपने के दौरान समाज सेवी कामू बैगा के साथ समाज के युवा नेता प्रमोद नेताम,दीपक मांडवी ,संतोष धुर्वे ,थान सिंह धुर्वे ,सुखनचंद धुवे ,रघुराज धुर्वे गणेश धुर्वे, जगत बैगा सुरेश धुर्वे, सलीम पारधी, रामभरोशा छेदावी, राम धुर्वे, विक्की धुर्वे, अशोक धुर्वे, मुन्ना धुर्वे, आकाश सोनी उपस्थित रहे ।