कवर्धा | छत्तीसगढ़ के राजनीती में हॉट सीट माने जाने वाले कबीरधाम जिले के कवर्धा नगर पालिका में एक बहुचर्चित मामले के बाद नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा ने अपना स्तीफा दे दिया था. जिसे बाद नयी सरकार के गठन के बाद से ही नगर पालिका में अध्यक्ष पद के लिए गहमा गहमी शुरू हो गयी थी. भाजपा की सरकार आने के बाद डिप्टी cm विजय शर्मा के गृह नगर में भाजपा ने नगर पालिका में कांग्रेसी पार्षद के बहुतमत होने के बाद भी एक भाजपा के पार्षद कों नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर मनोनीत करते हुए कवर्धा की जनता के उपर जबरन थोप दिया था.
जिस पुरे मामले पर कांग्रेस के पार्षद मोहित माहेश्वरी ने न्यायालय की शरण ली थी याचिका दायर की थी. सविधान के विपरीत किये गये इस प्रकार के कृत्य से कवर्धा की जनता का विश्वास जरुर डगमगाया लेकिन आज पुरे मामले पर उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए याचिका क्रमांक डब्ल्यूपीसी/१५१६/२०२४ पर शासन द्वारा अध्यक्ष मनोनयन की प्रक्रिया कों गलत ठहराते हुए शासन कों एक सप्ताह के भीतर चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ करने हेतु आदेश जारी किया है
जिसमे न्यायालय ने कहा है कि नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर चुनाव छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 37 के अंतर्गत निर्धारित नियमों के अनुसार नहीं हो रहा था. न्यायालय ने यह निर्णय लेने के पश्चात कहा कि चुनाव तत्काल कराया जाए और सभी तथ्यों के आधार पर निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वह सात दिनों के भीतर आवश्यक अधिसूचना जारी करके प्रक्रिया आरंभ करे। सभी अधोहस्ताक्षरी पार्षदगण द्वारा विनम्र अनुरोध है कि चुनाव तत्काल कराया जाए, संविधान की भावना की रक्षा की जाए तथा कानून का शासन सुरक्षित रहे।
निर्वाचन अधिसूचना जारी करने में किसी भी प्रकार का विलम्ब न्यायालय द्वारा पारित आदेश की जानबूझकर अवहेलना होगी तथा यह नगर पालिका परिषद कवर्धा के अध्यक्ष पद पर आसीन होने के संवैधानिक आदेश को जानबूझकर दरकिनार करने का कृत्य भी होगा। चुनाव हुए काफी समय बीत चुका है जिसके फलस्वरूप राज्य द्वारा मनोनीत पार्षद ने नगर पालिका परिषद कवर्धा के कार्यालय पर कब्जा कर लिया है जो संविधान के विरुद्ध है। कृपया उक्त रिट में न्यायालय द्वारा पारित आदेश का प्रभावी पालन सुनिश्चित करें।
आदेश आने के बाद समस्त कांग्रेसी पार्षदगण ने आज राज्य निर्वाचन आयोग रायपुर में अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर . उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश की कॉपी सहित १५ पार्षदों के हस्ताक्षर के साथ चुनाव के संबंध में आवेदन निर्वाचन आयोग कों सौंपा ताकि जल्द से जल्द चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ किया जा सके।