अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला कबीरधाम के कार्यकताओं ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा के परिणाम में हुएं धांधली की जांच के लिए राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर कबीरधाम को सौंपा ज्ञापन।
ज्ञात हों की 5 मई को देश भर में NEET की परीक्षा आयोजित हुईं थीं। जिसमें देश भर के 24 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था। परन्तु दुर्भाग्य की बात तों देखो पेपर आयोजित होने से पहले बिहार में उसका प्रश्न पत्र लीक हों जाता है। जिसमें पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज भी की जाती है। कार्यवाही भी होती है और 14 लोगों को जेल भेजा जाता है। परन्तु राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा आयोग द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया जाता और होनहार विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जाता रहा।
अभाविप के प्रदेश सहमंत्री तुषार चन्द्रवंशी ने बताया कि हद तों तब हों गया जब परीक्षा का परिणाम 14 जून को आना था। परन्तु धांधली करने में माहिर आयोग ने परीक्षा परिणाम आम चुनाव परिणाम के दिन ही घोषित कर दिया गया।
परिणाम जब विद्यार्थियों के बिच आया तों कौतूहल मच गया जो आज तक इतिहास में नहीं हुआं।वह देखने को मिला 64 से अधिक विद्यार्थियों का 718-19 अंक आया। कईयों ने तों 720 में 720 लेकर आ गई।यह विषय सुनकर विद्यार्थियों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। आयोग की कार्यप्रणाली पुरी तरह से संदेहास्पद है। धांधली का आरोप पूर्णतः सिद्ध हैं। किन्हीं लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से परीक्षा परिणाम में धांधली किया गया।
बोनस अंक का प्रावधान नहीं बावजूद दिया गया
NTA में ग्रेस अंक का प्रावधान नहीं इसके बावजूद भी टाईम वेस्ट का बहाना बनाकर चहेते लोगों को अतिरिक्त अंक प्रदान किया गया।जोकि सामान्य विद्यार्थियों के हितों पर कुठाराघात।
इस पुरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दख़ल दिया है परन्तु इसकी सुनवाई जल्द करने की आवश्यकता है। डाक्टर बनने की सपना संजोए विद्यार्थियों के हितों पर आंच न आएं और आयोग एवं दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हों।
उक्त ज्ञापन सौंपने प्रमुख रूप से प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य तुलसी, नगर मंत्री गोपाल ठाकुर, गजाधर वर्मा, गुरुनारायण वर्मा, प्रशांत, दिपक, खेमू, कृष्णा उपस्थित रहे।