कवर्धा – गोंडी संस्कृति और आस्था का प्रतीक राष्ट्रीय चिल्हीडार बेटा जौतिया महाव्रत इस वर्ष भी कवर्धा के पीजी कॉलेज मैदान में बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। गोडी धर्म संस्कृति समिति के बैनर तले आयोजित इस महापर्व में समाज की हजारों माताएँ, बहनें, युवा और बच्चे शामिल हुए। पूरा आयोजन गोंडी धर्म के गुरुदादा दुर्गे भगत और गुरु दाई दुर्गे दुलेश्वरी के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ।
उपमुख्यमंत्री ने लिया आशीर्वाद
इस अवसर पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी और जिला पंचायत अध्यक्ष ईश्वरी साहू विशेष रूप से उपस्थित रहे। उपमुख्यमंत्री ने गोडी संस्कृति के अनुरूप पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की तथा समाज को महापर्व की बधाई दी।
18 वर्षों से जीवंत परंपरा
गोंडी धर्म के गुरुदुर्गे भगत ने बताया कि लगातार 18 वर्षों से यह महापर्व समाज की आस्था, एकता और सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत बनाए हुए है। आयोजन की शुरुआत पारंपरिक विधि-विधान से की गई। माताओं और बहनों ने व्रत रखकर संतान की लंबी आयु, परिवार की सुख-समृद्धि और समाज के कल्याण की प्रार्थना की।
बेटा जौतिया महाव्रत का महत्व
गोंडी मान्यताओं के अनुसार यह व्रत विशेषकर माताएँ अपने बेटों की दीर्घायु और मंगलमय जीवन की कामना हेतु करती हैं। इसमें संतान सुख, पारिवारिक एकता और सामाजिक समरसता का भाव निहित है। व्रतधारी महिलाएँ पूरी श्रद्धा से उपवास रखकर चिल्हीडार देव की पूजा करती हैं और अपने बच्चों की रक्षा की प्रार्थना करती हैं।
संस्कृति और भक्ति से गूंजा मैदान
दिनभर धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, भजन-कीर्तन और पारंपरिक गोंडी लोकगीतों ने माहौल को भक्ति और उत्साह से भर दिया। महिला मंडल और युवाओं ने गोंडी नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
समाजिक एकता का संदेश
गोडी धर्म संस्कृति समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि यह पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज की एकता, भाईचारे और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। हर वर्ष इस महापर्व में बड़ी संख्या में समाजजन शामिल होकर आने वाली पीढ़ियों को परंपरा से जोड़ने का संदेश देते हैं।
प्रदेश और अन्य राज्यों से पहुंचे श्रद्धालुआयोजन में न केवल कवर्धा जिले से, बल्कि मध्यप्रदेश, उड़ीसा और महाराष्ट्र से भी बड़ी संख्या में समाज के लोग पहुंचे। पीजी कॉलेज मैदान श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा। समिति की ओर से सुरक्षा और व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे।