‘‘भारत की शान है हिन्दी, हम सबकी पहचान हिन्दी, हिन्दी से ही है हमारी अस्मिता, सांस्कृतिकता व ऐतिहासिक का बोध कराती हिन्दी‘‘। इन्हीं महत्वों से ओतप्रोत कवर्धा जिले के मशहूर सीबीएसई माध्यम श्री रामकृष्ण पब्लिक स्कूल में 8 सितम्बर से 14 सितम्बर 2025 तक हिन्दी सप्ताह का गरिमामयी आयोजन किया गया।
आयोजन के क्रम में प्रतिदिन प्रार्थना सभा के सभी निर्देश हिन्दी भाषा में ही दिये गये, साथ ही कक्षा छठवीं के बच्चों ने उचित हाव भाव से रोमांचकता के साथ अपनी अनेकतिक लघुकथाएँ प्रस्तुत की, तो वहीं कक्षा 7वीं के बच्चों द्वारा ‘‘हिन्दी भाषा मेरी प्यारी भाषा‘‘ के महत्व पर स्वयं के विचारों को निबंध लेखन के माध्यम से अभिव्यक्त किया, कक्षा 8वीं के बच्चों के द्वारा ‘‘हिन्दी भाषा सबकी भाषा‘‘ विषय पर सुंदर-सुंदर एवं मंत्रमुग्ध कर देने वाली कविताएँ प्रस्तुत की गई। इस कड़ी में कक्षा तीसरी से 5वीं तक के बच्चे भी पीछे नहीं रहे, इन्होंने ़त्रुटि रहित धारा प्रवाहपुस्तक वाचन प्रतियोगिता में अपनी बखूबी भूमिका निभाई, प्री प्राईमरी व प्राईमरी समूह के बच्चों ने भी वर्णमाला गायन, मात्रा पहचान, सही शब्दों में गोला लगाना आदि गतिविधियों में अपनी सहभागिता दर्ज कराई।
पूरे कार्यक्रम के अंतिम दिवस शनिवार को विद्यालय का स्वामी विवेकानंद सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूँ उठा, जब कक्षा नवमीं से बारहवीं तक के बच्चों के मध्य ‘‘हिन्दी भाषा का महत्व‘‘ विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता करायी गई, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने अपने मत प्रकट कियें, सभी ने निर्धारित समय सीमा में अपना विचार तो प्रस्तुत किया ही साथ ही साथ विपक्ष के भी बातों का करारा जवाब दिया। पूरा आयोजन बहुत ही रोमांचक वातावरण में संपन्न हुआ। हिन्दी दिवस के सप्ताह में बच्चों ने विभिन्न कवियों महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत एवं लेखकों में प्रेमचंद, धर्मवीर भारती, अज्ञेय, धूमिल आदि की आकर्षक छवि चित्र को पन्नों पर उकेरा।
सभी प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र से नवाज़ा गया। कार्यक्रम के संबंध में विद्यालय के निदेशक डाॅ. आदित्य चन्द्रवंशी ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए, इस हेतु कोई एक दिवस ही नहीं बल्कि आपके व्यवहार में इस भाषा के महत्व परिलक्षित होना चाहिए। वहीं विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती एम. शारदा ने कहा कि भले ही अंग्रेजी भाषा की शिक्षा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनिवार्य है किन्तु अपनी मातृभाषा के महत्व को कभी भी नकारा नहीं जा सकता। अंत में विद्यालय परिवार की ओर से सभी को ‘‘हिन्दी दिवस‘‘ की शुभकामनाएँ दी गई।