कवर्धा – श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि पूरे भारत में रक्षाबंधन के पवित्र त्यौहार हेतु प्रसिद्ध है, वहीं दूसरी ओर इस दिवस की महत्ता कदाचित् इसलिए और बढ़ जाती है क्योंकि इसी दिवस देवभाषा संस्कृत दिवस मनाया जाता है, इसी कड़ी में बीते मंगलवार को श्री रामकृष्ण पब्लिक स्कूल की प्रार्थना सभा में सर्वत्र संस्कृत भाषा की अनुगूँज सुनाई दी, इस तारतम्य में विशेष प्रार्थना सभा में सभी निर्देश संस्कृत भाषा में दिए गए, वहीं प्रार्थना में होने वाले क्रियाकलाप जैसे सुविचार, श्लोक, समाचार, शब्द भंडार को भी क्रमशः छठवीं से दसवीं तक के बच्चों ने देववाणी में प्रस्तुत किया।
संपूर्ण विद्यालय प्रांगण में उस समय हर्ष का माहौल व्याप्त हो गया, जब बच्चों ने सामूहिक स्वर में संस्कृत भाषा में देश प्रतिज्ञा ली। इस अवसर पर संस्कृत विभाग के शिक्षक परमेश्वर कुंभकार ने ‘‘संस्कृत भाषा के गौरवशाली अतीत एवं वर्तमान में इसकी स्थिति‘‘ पर अपना सारगर्भित व्याख्यान धाराप्रवाह संस्कृत भाषा में प्रस्तुत किया। वहीं विद्यालय की प्राचार्या एम. शारदा ने भी संस्कृत की विभिन्न सूक्तियों एवं संस्कृत भाषा के कुछ प्रकांड पांडित्य का प्रदर्शन करने वाले पाणिनी, वाल्मीकि, कालीदास सहित अन्य महापुरूषों के जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में विद्यालय के डायरेक्टर डाॅ. आदित्य चन्द्रवंशी ने भी संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा है, जिसे देवभाषा की संज्ञा अभिहित की गई है, अतः इसकी वैज्ञानिकता को हम सभी को समझने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि इसी भाषा से ही अन्य सभी भाषाएँ श्रृंगारित होती हैं। उक्ताशय की जानकारी संस्कृति सदन प्रमुख दुर्गेश चन्द्रवंशी ने दी।